आंसुओं की बरसात में
आंसुओं की बरसात में
आखिर क्यों दिल जल रहा है,
उनकी याद में,
दर्द की शमां बुझती नहीं है,
आंसुओं की बरसात में,
हाल ऐसा देखकर नजर झुकती नहीं है लाज में।
अक्सर यादों के झरोखे से बरसात होती रात में।
प्यार का बादल बरसता है जमीं के लिये,
प्यार का राग ही ऐसा है बेबसी के लिये।
तन्हा गम जमाने भर का सजाता रहता हूं,
नज्म लिख लिख कर दर्द छुपाता रहता हूं,
नहीं देती लहरें अब रवानगी में वफा मुझे,
अच्छा सिला दिया है सलाम जिंदगी तुझे।