आने की खुशी
आने की खुशी
किसी के जाने का मातम
किसी के आने की खुशी मनानी है
सदियों से चली आ रही
यह रीत पुरानी है
कोई आता है इस दुनिया में
इतने बंधन बन जाते हैं
एक इंसान के साथ
अनेक बंधन निभाते हैं
तमाम उम्र होता है कंधों पर यह भार
जब वक्त आखरी आता है
सब बंधन छूट जाता है
अकेला रह जाता है सब रिश्तो को उतार
क्योंकि अकेले ही आया था
अकेले ही जाना है
उम्र भर का सफर
मृत्यु अंतिम ठिकाना है।
