आकर्षण :मृत्यु का...
आकर्षण :मृत्यु का...
चाकू की धार में, खंजर की चमकार में, दुधारी करवाल में...
अजीब सी जज़्बीयत रहती है
शेर की छलांग में, साँप की फुफकार में, हाथी की चिंघाड़ में..
विचित्र सा सम्मोहन होता है,
तलवार की झपक में, आग की लपट में, ज़हर की धधक में...
नामालूम सी कशिश होती है,
खींचे हुए तीर में, कसी ज़ंजीर में, दरकती शहतीर में...
बर्बर सा खिंचाव होता है
सागर की गहराइयों में, चोटी की ऊंचाइयों में, फिसलती चट्टानों में...
अजीब ही दिलकशी होती है,
रस्सी के फंदे में, खूनी दंगे में, सधे तमन्चे में...
उन्मत्त सा लुभाव होता है,
मानसिक उन्माद में, नशे के ख़ुमार में, क्रोध के उबाल में...
अबूझ सा संकर्षण होता है,
डूबते दिल में, उखाड़ती साँस में, जीवन के अवसान में...
अपूर्व सा वशीकरण होता है...
मृत्यु का एक अलग आकर्षण होता है !
मृत्यु का एक अलग आकर्षण होता है !