आख़िर कौन हो तुम
आख़िर कौन हो तुम
जाने कहाँ से आयी हो तुम
सच हो या एक ख़्वाब हो तुम।
अरे ये तो बता दो
आखिर कौन हो तुम
फ़रिश्ता हो या ख़ुदा का
एहसास हो तुम,
शायद शहद की मिठास
हो तुम
नाज़ुक फूलों सा एहसास
हो तुम
ऐ मेरी दोस्त, ये तो बता दे
आखिर कौन हो तुम।।