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Rahul Molasi

Action

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Rahul Molasi

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आज़ादी

आज़ादी

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जो चाहे कर सकता हूं मैं,

कुछ भी कह सकता हूं मैं।

रोक मुझे कोई सकता है नहीं,

आज़ाद हूं मैं गुलाम नहीं।


आज़ादी की परिभाषा को

लगता है बस समझा तुमने

खूब तरोरा और मरोड़ा

निज अपने स्वार्थ को तुमने।


लेकिन यह बस स्मरण रहे

आज़ादी कैसे पाई है,

कौन थे वो, क्या कहते थे

जिन्होंने वीरगति पाई है।


तुम जो बोलो यह तुम पर है,

उस पर तो बंदिश कहीं नहीं,

पर यह सोचो जो बोला है,

वह देश हित में है कि नहीं।


गुलाम बनो मत सत्ता का,

आजाद कलम गुलाम नहीं,

बनो चेतना भारतवर्ष की,

हाँ आजाद हो तुम गुलाम नहीं।


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