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kanksha sharma

Comedy Tragedy

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kanksha sharma

Comedy Tragedy

आजादी के इतने साल

आजादी के इतने साल

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आजादी के इतने साल, कर गए न जाने क्या कमाल,

नेताओं के अत्याचार बढ़े, लोगों पर आया भूचाल।

लोगों ने पूछा था हमसे, आजादी से क्या है पाया?

जवाब था हमारा "नेताओं का भ्रष्टाचार है अपना रंग लाया"।

नेताओं ने अपनी चलाई, लोगों की जमकर की खिंचाई,

वोट के समय किए वादे बड़े बड़े, बाद में दिखाई अपनी बेहयाई।

और सुनाए क्या आपको, मिली हमें घोटालों की सूची,

पता चला तब हमको इनकी, रुपयों में कितनी है रुचि।

रुपयों की भूख ने इन नेताओं को इतना है मारा,

कि खा गए वो सड़क का डामर और पशुओं का चारा।

आजादी के इन सालों में, इन जैसे नेता हमने है पाए,

जिन्होंने पिया खून गरीबों का, उनके कंकाल भी नोच खाए।

याद आ गया वो आजादी का दिन, याद आ गए वो शहीद,

जो अपने जीवन को कुर्बान कर, आजादी की बहार थे लाए।।


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