आज के नेता
आज के नेता
जिस पर हो अपराध अधिक,
संग मे टोली हो रक्षा को।
नेता वह ही कहलाता है जो,
भरे न खाली झोली को ।।
आजादी के बाद आज तक,
कितने ही नेता आए ।
कुर्सी पर बैठा वो बदला ,
बदहाली लेकिन न जाए।।
धनी धनी अरु निर्धन निर्धन ,
शोषित शोषित ही बना रहा ।
सुख सुविधाएं मिले किसी को,
कोई भटेहाल भूखा ही रहा ।।
धनी बली सत्ताधीषो के ,
है अति सुन्दर ढाट बाट।
पर आम जनो को जा देखो,
कैसे लेते जीवन वो काट।।
नही किसी को लेना देना ,
पांच बर्ष मे फिर आयेंगे ।
दारू मुर्गा नोट बांटकर ,
फिर वो मौज उडायेंगे ।।
जब तक त्यागी राष्ट्रभक्त,
ना राजनीति मे आयेंगे ।
तब तक यूँ ही ढोंगी स्वार्थी,
बांट बांट सब खा जायेंगे ।।