खेल
खेल
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वक्त के खेल अजीब होते हैंं
जिंदगी समझ ही....
नहीं पाती ।
वक्त की करवटें,
वक्त के,
करतब अजीब होते हैं।
वक्त के खेल अजीब होते हैं
खेल -खेल में,
जिंदगी बदल जाती हैं।
जर्रे -जर्रे ....से ,
कायनात बदल जाती हैं।
सोच तो,
कुछ और ही सोचें रहती है
पलों में जिंदगी ,
तहस -नहस हो जाती है।
वक्त के खेल अजीब होते हैं
खुशकिस्मती के कुछ पल ,
किस्मत से नसीब होते हैं
जबकि .....
बदकिस्मती के पल।
हर पल करीब होते हैं।
सपनों के ,
मीनार कितने भी बना ले।
वक्त के आगे,
सब दरकिनार होते हैं।
वक्त ऐसे खेल ,
खेल जाता हैं।
जिंदगी के हेर -फेर
सब बदल जाता है।