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SHREYA PANDEY .

Tragedy Inspirational

4.5  

SHREYA PANDEY .

Tragedy Inspirational

मृत्यु और निर्माण

मृत्यु और निर्माण

1 min
387


खेल यह युगों का है

समझले तू इंसान

अनजान ना बन इस खेल से

पल में मृत्यु पल में निर्माण


हरे पात डाली पर उगते

घर घर हरियाली लाते जो

फिर बनकर राख बिखर वो जाते

घर वाले ही आग लगाते जो


सुख में मुंह मीठा जो करते

अक्सर खंजर का तोहफा भी लाते

खुद्दारी की चादर ओढ़े बन जा तू बलवान

अनजान ना बन इस खेल से

पल में मृत्यु पल में निर्माण


चन्द्रमा भी क्या आकार यह मोडे

पूर्णिमा से अमावस बने 

तारो से नाता तोड़े

पश्चिम का सूरज जो पूरब में उगे

शरद का झोंका भी ग्रीष्म में सुहावना लगे

नए नए जगह इंसान तेरे

नवीन हैं मोल बने

कोई गुणों कि अवहेलना करे

किसीको अवगुण भी सजे

खुदपर विश्वास रख ए बंदे

अपनी शक्ति ना पहचाने ये तेरा अज्ञान

खेल है ये काल का खेल है ये कर्मो का

अपने कर्मो से ही बने तेरे मृत्यु निर्माण समान।।


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