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SHREYA PANDEY .

Others

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SHREYA PANDEY .

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विवाह

विवाह

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बंधन है ये प्रेम का

बंधन है विश्वास का

बांधे दो दिलों को

वोह रिश्ता है यह आस का


कहलाती कुछ लोगों के लिए

चाहे यह बर्बादी हो

बढ़ती बेशक इससे देश की आबादी जो

आज समझें उसका अर्थ कहलाता

जो रिश्ता शादी हो

बंधते दो जिस्म इसमें

मंगलसूत्र और सिंदूर से

एक जान में तब्दील होते वचनों से सात फेरों के


शादी हो या निकाह हो

आशीर्वाद से अदाह हो

परिवारों से ही नहीं

दिलों व भावनाओं से जब जुड़ते

जीवन साथियों का

सम्पूर्ण होता विवाह है


सात फेरों का नहीं सात जन्मों का साथ है

जीवन भर संग चलने का एक दूजे का प्रयास है

रिश्ता ये ऐसा जोड़े धड़कन से पराई श्वास है।।



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