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SHREYA PANDEY .

Classics Inspirational

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SHREYA PANDEY .

Classics Inspirational

सफलता और अपने

सफलता और अपने

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पग पग चलते

पल पल मरते

ढूंढा जग के हर कोने

ए सफलता मैंने तुझको


बचपन की ज़िद में देखा

हर प्रतियोगिता में देखा

पतंग बाज़ी की लड़ाई में

हाथों की रेखा में भी

ए सफलता मैंने तुझको देखा


रास्ते की ठोकर में

परिश्रम के पसीने में

ज़िन्दगी को खोकर मैंने

मुसीबतों के सीने में

ए सफलता तुझको देखा


उद्योगों के धुएं में

खेतों में पानी के कुएं में

जीवन के हर पहलू में

ए सफलता मैंने तुझको ढूंढा


अपनों को खोकर सपनों को चाहा

दुनिया से लड़कर जोखिम निभाया

ए सफलता तुझसे मैंने धोका खाया

तू मिली भी तो मुझको बनकर अपनी का साया

अपने अपनों को पाकर मैंने तुझको एक क्षण में पाया।।


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