सफलता और अपने
सफलता और अपने
पग पग चलते
पल पल मरते
ढूंढा जग के हर कोने
ए सफलता मैंने तुझको
बचपन की ज़िद में देखा
हर प्रतियोगिता में देखा
पतंग बाज़ी की लड़ाई में
हाथों की रेखा में भी
ए सफलता मैंने तुझको देखा
रास्ते की ठोकर में
परिश्रम के पसीने में
ज़िन्दगी को खोकर मैंने
मुसीबतों के सीने में
ए सफलता तुझको देखा
उद्योगों के धुएं में
खेतों में पानी के कुएं में
जीवन के हर पहलू में
ए सफलता मैंने तुझको ढूंढा
अपनों को खोकर सपनों को चाहा
दुनिया से लड़कर जोखिम निभाया
ए सफलता तुझसे मैंने धोका खाया
तू मिली भी तो मुझको बनकर अपनी का साया
अपने अपनों को पाकर मैंने तुझको एक क्षण में पाया।।