साम्राज्य हमारा भारत
साम्राज्य हमारा भारत
1947 में आजादी की बोली बोले
कैसा हो अपना राज्य
संविधान के अक्षर गूंजे
भारत बने अपना साम्राज्य
गंगोत्री से सृजित गंगा
त्रिवेणी संगम पर ठहरे
वन खेतों को रंगीन करें
सागर से मिल जाए झरने नदियों की लहरें
जल तरंग संग बूंदें बोले
भारत बने अपना साम्राज्य
अंतरिक्ष में ग्रहों को छूता
चन्द्रमा पर भारतवासी का जूता
विज्ञान जो पहुंचा ग्रहों पर
विज्ञान की चतुराई उपग्रहों पर
अंतरिक्ष की ज्वाला बोले
भारत बने अपना साम्राज्य
नागरिकों को प्राथमिकता
धर्मों की विविधता एकता
न्यायालय का विवेक
एक राज्य के पहलू अनेक
भाषा वस्त्रों का मेल बोले
भारत बने अपना साम्राज्य।।