आज का विचार !
आज का विचार !
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रक्त रंजित मेरी सोचे, भारी मन संताप।
दिल डोल रहा मेरा, देख के बढ़ता पाप।
पापी घूमते खुले, कर कर के पाप।
न्याय बचा नही धरा पर, लगा काल का शाप।
खून ही खून नजर आता है मुझको चारो ओर।
फैला है अंधियारा, नजर ना आती भौर।
नेताओ ने लूट लिया, मिलकर मेरा देश।
लुटेरो ने रख लिया, साधुओ का भेष।
हर नारी पर आजकल, रखता नजर बुरी।
ऐसा हो गया नौजवान, चलाता नजर छुरी।
पढ़ने के नाम पर, हो जाते बीमार।
मेरे देश के बच्चे, सिनेमा को है तैयार।
दिन भर है सोते, सुबह उठाने पर रोते,
आजकल के बालक, जिंदगी यूँही खोते।