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Mukesh Kumar Goel

Romance

4  

Mukesh Kumar Goel

Romance

तेरी यादें !

तेरी यादें !

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अपनी यादों के 

उजालों को

कुछ यूँ बिखेरो

मुझ पर,

मेरी सूनी पड़ी 

ज़िन्दगी में 

न हो कभी अँधेरा।


डूबा रहूँ उन्हीं में,

साँसों में बस हो,

तेरे नाम का बसेरा।


ज़िन्दगी निकाल दूँगा

इन्हीं यादों के सहारे,

मुझे इतना याद आओ

हर तरफ़ बस हो,

धुँआ बहुत घनेरा।


दिलों में रहे चाहत,

न हो शिकवे-शिकायत,

हर रात के बाद आए,

हर रोज़ नया सवेरा।


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