Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Mukesh Kumar Goel

Inspirational

4  

Mukesh Kumar Goel

Inspirational

पिता

पिता

1 min
401


पिता की अंगुली थाम कर चला,

बचपन मे कदम उठा कर चला।

जब भी कदम लड़खड़ाये मेरे,

पिता ने हाथ बढ़ा उठाया मुझे,

चोट जो लगी , मैं जो रोने लगा,

पिता ने अपने काँधे से लगाया मुझे,

बहुत था मुझे वो ऊँगली का सहारा,

जैसे डूबते को मिले तिनके का सहारा,

हर घड़ी हर पल, उन्होंने थामा मुझे,

अपनी नवाजिशों से नवाजा मुझे,

अँगुली थमा मुझे बड़ा कर दिया,

गिरने ना दिए कभी भी मुझे,

चँदा बेटा कह कर मुझे बुलाते,

चाँद को भी ये दिखाते,

उनका लाडला हूँ मै प्यारा,

दुनिया मे हूँ सब से न्यारा,

वो बचपन की बाते , वो पापा की बाते,

अभी भी उनकी यादे बन सताते,

काश वो बचपन फिर से लौट आये,

पापा एक बार फिर से अँगुली थमाये,

पर गया वक्त वापिस नही आता,

इंसा रह जाता है पछताता,

जो पल है इसी में आज जी लो,

खुशियों को अपने दामन में भर लो,

ना कभी पड़ेगा पछताना,

मिलजुल कर अपना जीवन बिताना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational