STORYMIRROR

Rajiv Jiya Kumar

Tragedy

3  

Rajiv Jiya Kumar

Tragedy

आईना

आईना

1 min
284

देखा है क्या तुमने अभी

आईना में चेहरा अपना

सत्य तो दिखा ही होगा

तोङ कर सारे का सपना

गुमसुम हो गए हो तभी।।

यह आईना बताता होगा

कथ्य जो तुमने कहे

बस साथ तुुुुम्हारे आकर

कष्ट फिर जो हमने सहे

हाहाकार है मचा सब ओर तभी।।

दरकिनार न करो आईना यह कभी

साक्षात दिखाता यह अपना समाज

क्या से क्या कर गुजरे

पर रूप बिगङ रहा इसका आज

सोचो सही सुधर जाएगा तभी सभी।।

           


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy