एक सपना...। एक सपना...।
ना हो आज़ादी मेरे हिस्से ना सही लेकिन फाँसी का तो अब मुझे तख़्त दो !" ना हो आज़ादी मेरे हिस्से ना सही लेकिन फाँसी का तो अब मुझे तख़्त दो !"
अब भी जनक सुता अयोध्या मे तनिक सुख ना पाती है, कौशल्या की सुत सुख की मृगतृष्णा अधूरी । अब भी जनक सुता अयोध्या मे तनिक सुख ना पाती है, कौशल्या की सुत सुख की मृगतृष्...
गुड़िया को इन्साफ चाहिये दुष्कर्मी को सज़ा चाहिये । गुड़िया को इन्साफ चाहिये दुष्कर्मी को सज़ा चाहिये ।
यह सत्य है वह बहुत बड़ा न्यायधीश है लेकिन विवश है अपने विधि के विधान से ! यह सत्य है वह बहुत बड़ा न्यायधीश है लेकिन विवश है अपने विधि के विधान से !
हर नन्ही बिटिया के लिए, इंसाफ होना चाहिए...! हर नन्ही बिटिया के लिए, इंसाफ होना चाहिए...!