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Suresh Sachan Patel

Children

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Suresh Sachan Patel

Children

आई दिवाली

आई दिवाली

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आई दिवाली खुशी मनाओ।

दीप जला कर रोशनी फैलाओ।

अंधेरा धरा का दूर भगाओ।

खूब प्यार खुशियाॅ॑ फैलाओ।


दिनभर खूब मिठाई खाओ।

खेलो कूदो खुशी मनाओ।

 शाम को खूब फुलझड़ी जलाओ।

 ये खुशियों भरा त्योहार मनाओ।


कितने सुंदर घर बार सजे हैं।

 घर घर खूब पकवान बनें हैं।

 महक रहा है सारा घर आॅ॑गन।

दरवाजे पर बॅ॑धे हैं बंदन।


शाम हुई अब दीप जले हैं।

 खुशियों के संगीत बजे हैं।

 झिलमिल करती दीपों की कड़ियाॅ॑। 

 कई रंग बिखेरती दीपों की लड़ियाॅ॑।


बच्चे खूब पटाखे फोड़ रहे हैं।

खुशियों में सब डोल रहे हैं।

फुलझडियाॅ॑ अनार चलाते।

 ऐसे दिवाली का त्योहार मनाते।


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