आओ एक लगाएँ पेड़
आओ एक लगाएँ पेड़
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सूरज दादा गुस्से में है
आओ एक लगाएँ
पेड़ गर्मी से कुछ
राहत मिलेगी
एक पल भी अब
करो न देर आओ
एक लगाएँ पेड़..!
चालीस डिग्री तापमान है
जिस्म से टपक रहा
पसीना भट्टी सा
घर तपता अपना मुश्किल है
अब एक पल जीना
ठूँठ वनों में दहाड़ें शेर
आओ एक लगाएँ पेड़..!
गर्म मिजाज में है
यह मौसम चढ़ा है
इसको तेज बुखार
डॉक्टर "बादल बाबू" को
कहां से लाऊं बोलो यार
पर्यावरण को न तू
छेड़ आओ एक लगाएँ पेड़..!