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Neerja Sharma

Children Stories

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Neerja Sharma

Children Stories

डियर डायरी

डियर डायरी

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कर्फ़्यू का तेरहवाँ दिन 

दीपक जला जो सुकून पाया था

वह कई नए कैसों का सुन भरमाया था

शुक्र है चंडीगढ़ में सब ठीक है।


गृहस्थ के रूप में सब काम चले सुचारू

अब तो मैं हो गई हूँ काफी जुझारू

समय का वितरण कर लिया है आप

अब थकान काफी कम है।


ऑनलाइन कवि सम्मेलन

मधुशाला परिवार की ओर से

आज आखिरी व तीसरा दिन 

4 से ज्यादा घंटे लगे गिन।


मैं और मेरी चार स्टूडेंट

थे इसमें प्रतिभागी

100 प्रतिभागियों में चुनने थे

30 गोल्ड सार्टिफिकेट वाले।


खुशी का रहा न कोई पारावार

जब हम पाँचों को मिला ये सम्मान 

प्रभु का शुक्रिया किया अदा

जो हमें ये सुन्दर पल दिया।


पिछले तीन दिन में 

सो से ज्यादा विडियो पर

लिख चुकी हूँ प्रतिक्रिया

पर अब भी वादा कर रही हूृँ पूरा।


आज से बच्चों की शुरू की है पढ़ाई

ऑनलाईन करवाया काम 

खुशी बड़ी हुई जब

एक बच्चे ने फोन पर कविता सुनाई।


बड़े प्यार से बोली वह 

मैम नम्बर फोन पर दे दो

स्कूल खुलने पर याद करा दूँगी

कापी में नम्बर लगवा लूँगी।


हैरान थी मैं कितना बदलाव आया है 

टैक्नोलॉजी ने कमाल दिखाया है

बच्चों ने कापी में लिख मुझे दिखाया

अगले काम का फरमान भिजवाया।


मम्मियाँ खुश है

बच्चे पढ़ने लगे हैं

वरना घर में तुफान किए हैं 

अब कुछ घंटे शान्त हुए हैं।


आज का दिन रहा कुछ इस तरह खास

कल स्कूल के वाहट्सएप में होगी बात 

अब हो गई है देर काफी

कल जल्दी लिखूँगी इसी के साथ शुभ रात्रि।


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