जल ही जीवन
जल ही जीवन
जल ही जीवन
शुभ दिन मनाते हैं उनका हम
जिनसे करते है प्यार बड़ा l
जल ही जीवन है जाने सब
तबभी अपव्यय करते क्यों भला ll
ना पैसा ही ना चांदी सोना
कुछ भी काम है नहीं आना l
जल ही गर हम बचा सके ना
धरा पर जीवन है मुश्किल बच पाना ll
जल की प्यास बुझे पानी से
दूजा ना कोई पर्याय चले ll
जहां काम सूई का लागे
वहाँ पे क्या तलवार करे ll
समय अभी है सम्हल जा मानव
पानी का ना दुरूपयोग तू कर
आज तूझे सजोंना है इसको
अगली पीढ़ी का तो विचार तू कर