उठती नाज़ रंगों में
उठती नाज़ रंगों में
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रात सुहानी जागी रंगों में,
संग हवा के नाची रंगों में.
महक उठा परिवार रंगों में,
छिड़ गया राग मल्हार रंगों में.
डाली -डाली खिली रंगों में,
प्रीत सी उमड़ पड़ी रंगों में.
हुआ माहौल -ए -ग़ुलाल रंगों में,
नहीं दिल में मलाल रंगों में.
जीवन का हर संग रंगों में,
मन में उठती उमंग रंगों में.
कलियों की मुस्कान रंगों में,
भवरों की उठती नाज़ रंगों में.
रूत आयी है सुहानी रंगों में,
भीगी -भीगी सी कहानी रंगों में.
"उड़ता "धरा आज खिली रंगों में,
फूल बने सरताज़ रंगों में.