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vijay laxmi Bhatt Sharma

Children Stories

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vijay laxmi Bhatt Sharma

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खुश है धरा

खुश है धरा

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कुछ तो हुआ है

छँट रहा है धुआँ

खिल रही है वसुंधरा

नाच रहा कण कण

सुकुमार प्रकृति का

गा रही मधुर तराना 

बुलबुल बैठी दूर

पंख फैलाए झूम रहे

पक्षी डाल डाल 

कोमल पत्ते खेल रहे

झुक झुक हिल हिल

चूम रहे पेड़ों के गाल

स्वच्छ हवा झुला रही

लोरी सी सुना रही

मंद मंद मुस्कुरा रही

अब तो आँखे खोलो लाल

प्रदूषण ही करता

हम सबको बेहाल

बिन प्रदूषण के

खुश हैं धरा

आसमान, पेड़ 

पशु पक्षी और

माँ भारती के लाल।



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