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ritesh deo

Abstract Inspirational

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ritesh deo

Abstract Inspirational

आग लगा दूंगा मैं

आग लगा दूंगा मैं

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(यह पंक्तियाँ हर उस बन्दे के लिये है ,जो

लड़ रहा है, अपनी लाइफ में अपने गोल के लिये। या फिर एक अच्छा इंसान बनने के लिये हालातों से जूझ रहा है


आग लगा दूँगा मैं, दुनिया हिला दूँगा मैं

भरके ज्वाला सीने में, हर डर को मिटा दूँगा मैं...

जिस fear ने तुझ को रोका है, नहीं है सच कुछ भी

ये सब तो एक धोका है, बढ़ता रह  तू आगे यार

किसने तुझको रोका है, किसने तुझको रोका है....

बन के ज्वाला मैं, इक आग लगा दूँगा

हर डर कि जड़ को मैं, जड़ से मिटा दूँगा...

एक ज़िन्दा लाश नहीं तू, न हो मुक्कमल

ऐसा काश नहीं तू, है खुदा तेरे ही अंदर

पहचान, न खुद को यार तू, पहचान न खुद को यार तू...

जानता हूँ, कि आंखें तेरी भी रोती है।

कई रातों में भी, कहाँ ये सोती है...

लेकिन क्या तू, हार मान लेगा

नहीं, कभी नहीं...

तो फिर सुन मेरी बात

जब दर्द हो तो रो लेना, ताने हो तो, सुन लेना

शांत होकर फिर से यार, एक और प्रयास तू कर लेना

दुनिया कि बातों को, हँस के तू टालना,

हर बुरी आदत को तू, ज़िंदगी से निकालना...

बोले पागल कोई, तो भी तू सह लेना

न रूठना उनसे तू, बस मेहनत से कह देना...

चूंकि सीने पर जो घाव है, घाव नहीं

फूलों के गुच्छे है, हमें पागल ही रहने दो न

हम पागल ही अच्छे है

अपने दर्द को, मैं अपनी ताकत बनाऊंगा

टूटी हुई तलवारों से, विजेता शमशीर सजाऊंगा

रोती हुई आँखों में मैं, रौनक फिर से लाऊंगा

मायूस चेहरों पर मैं, खुशियां बनकर छाऊंगा

अपने दर्द को मैं, अपनी ताकत बनाऊंगा

फाड़ कर रख दूं, हर निराशा को

ऐसी मैं दहाड़ लगाऊंगा...,ऐसी मैं दहाड़ लगाऊंगा...


 So Dear Legend, Never give up

No One can replace you,You are the one and only

 Believe yourself,You can do it...

जो भी आप चाहे, वो कर सकते है

बन सकते है...


 


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