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अख़लाक़ अहमद ज़ई

Inspirational Others

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अख़लाक़ अहमद ज़ई

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आदत

आदत

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मत करो

एहसान मुझ पर कि

उपकार का दंभ आने वाली पीढ़ियाँ ढोयें

मत लो एहसान कि

मुझे अपने एहसानों का इतिहास लिखना पड़े

और हमारे बच्चे भी

उस इतिहास का व्यापार करें

जो हमारी-तुम्हारी 'अंह' की सन्तान हों

फिर दुनिया उन दोनों के 

ताल्लुक़ात में क़यामत के आसार ढूंढे

या फिर ऐसे ही/ जैसे

हम-तुम एक दूसरे को

इल्ज़ाम देते रहे

फिर आओ चलें दोस्त बन

उस विद्युत शवगृह तक

कम से कम बच्चों को 

हड्डियां पहचानने की आदत तो नहीं पड़ेगी 



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