मैं एक कविता हूँ
मैं एक कविता हूँ
मैं लोगों के जीवन में प्रेरणा देती हूं,
मैं गुमराह हुए इंसान को रास्ते में लाती हूं,
मैं अकेला चलने वाले लोगों को सहरा देती हूं,
मैं भटकते हुए इंसान को सही दिशा दिखती हूं,
मैं एक कविता हूं।
मंज़िल हासिल कर लेते हैं,कुछ,लोग मेरे लिए,
सपने पूरे कर पाते हैं,कुछ लोग मेरे लिए,
मैं कवियों की हृदय की बात बताती हूं,
मैं हारा हुआ इंसान को भी जीता देती हूं,
मैं एक कविता हूं।
मैं अन्याय अत्याचार में,लोगों की आवाज बन आती हूं,
मैं नाइंसाफी लोगों को, इंसाफ के लिए मजबूर करती हूं,
मैं एक कविता हूं।
