बस एक कदम और...
बस एक कदम और...
बस एक कदम और इस बार किनारा होगा,
बस एक नजर और इस बार इशारा होगा,
अंबर के नीचे इस बदली के पीछे कोई तो किरण होगी,
इस अंधकार से लड़ने को कोई तो किरण होगी,
बस एक पहर और इस बार उजाला होगा।
जो लक्ष्य को भेदे व कहीं तो तीर होगा,
इस तपती भूमि में कहीं तो नीर होगा,
जो मंजिल तक पहुंचे व कोई तो राह होगी,
अपने मन को टटोलो कोई तो चाह होगी,
जो मंजिल तक पहुंचे व कदम हमारा होगा,
बस एक कदम और इस बार किनारा होगा,
बस एक नजर और इस बार इशारा होगा।।
