अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस
अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस
मानव एक कुटुंब है विश्व नर नारी भरे यहां विभिन्न रंगत
संगत एकता विसंगत एक कड़ी से कड़ी जुड़ी अभिन्न ।।
भाई चारा एकता बल शांति सौहार्द सहानभूति अनुभूत प्यार ।
में मिटा तू दूजे में बने जी में यही मानव एकता आधार ॥
हम एक है शरीर एक से से दो आंख एक नांक दो कान मुख वही
एक बस तन रंगत बदली मस्तिष्क निम्न उन्नत ले ज्ञान ।।
अपने गुणों का विस्तार नाम है दास्य से लेकर बनना राजा ।
जो निज गुण नहीं विस्तारे वही आलसी दासत्त्व बिगाड़ काजा ।।
ये ही शिक्षा मानव जरूरी इस शिक्षा से बढ़ता है गुण कौन हूं मैं ,
कर्त्तव्य क्या मेरा जान इसे निखरे सद्गुण ।।
सद्गुण बढ़े वही मनुष्यता यही मनुष्यता सच्चा कर्म दूजे भी सब मेरे बंधु मेरे वे यही महाभाव प्रेम नाम धर्म इसी मनुष्यता कर्म धर्म को जान बढाओ हर जन दे प्यार ।
बने यही प्यार के दाता जितने उतना खिले फूल मानवता बन उपहार ।।
यही मानवता उपहार का देना सभी को करना हर सम्भव इसी सम्भवता को संकल्प बनाओ आज मानव एकता दिवस कह शुभ भव ।।
