राम
राम
राम कहो राघव कहो, या कह लो रघुनाथ,
आज करो जय कार सब, करके ऊपर हाथ,
करके ऊपर हाथ, राम का नाम पुकारो,
कहो ..देव तुम आय, हमारा हाल सुधारो,
कह कवयित्री 'कलिका, मिलेगा राम का धाम
राम नाम बलवान, मोक्ष का द्वार हैं राम
"राम नाम की महिमा"
"राम कहा सो तर गया, रावण का भी वंश,
अपने जीवन में दिया, कितनों ही को दंश,
कितनों ही को दंश, दिया, तब उसने जाना,
जग का पालनहार, वही, तब उसने माना,
कह कवित्री' कलिका' सँवर गए सारे काम l
अंत समय रावण के, जिव्हा पर भी था राम ll"
"रामराज्य आया जब"
धाम अयोध्या राम का, सजा राज दरबार,
फूलों से नगरी सजी, तोरण है हर द्वार
तोरण है हर द्वार, रामधुन घर-घर बाजे
राजा बनकर राम, सिया के संग विराजे,
कह कवयित्री कलिका, पुनीता राम का नाम,
वो ही पालनहार, वही हैं गुणों के धाम
