सक्सेस (सफलता)
सक्सेस (सफलता)
सक्सेस जिंदगी का हिस्सा नहीं है
हिस्सा तो बनाना पढ़ता है
सक्सेस खुद चाल के नही आता
खुद छीन के लाना पड़ता है।।
१. जिंदगी के हर दौर में
प्रतियोगिता करनी पड़ती है
प्रतियोगी चाहे रहे या नहीं
प्रतियोगी होना पड़ता है।।
२.जो सक्सेस केलिये खुदा बुलाए
ओ आत्म निर्भर नहीं होता है
खुदा तो सबकुछ दे चूके है
अब तुम को बाकी करना है।।
३.खुदा तो दिया खुद की गठन
कीआ तुमको sarba स्रेस्ट है
तुम्हारी मन की तुम ही मालिक
खुद पाओगे कर्म की फल है।।
४.भागो भगाओ सक्सेस के पीछे
मिल्खा सिं की तेज से
मत झुको अपने सपने के आगे
डाटके रही जिदी से।।
५. सक्सेस का जो सस्ते होते हैं
यहां चल ना नहीं आसान
लेकिन, नहीं मरोगे ये तो सच हैं
आएगा बहत परिसान।।
सक्सेस जिंदगी का हिस्सा................
