राष्ट्रप्रेम गीत (50)
राष्ट्रप्रेम गीत (50)
न तोप से डरते, न गोली से डरते।
मैदान जंग में, जा जाके बिफरते।।
बढ़ाया पैर जो, फिर नहीं फिरते।
जीते जाकैं जंग, या जंग में मरते।।
करते हैं सामना, जो काल भी आते।
आते ही जंग में, हम धूम मचाते।
दुश्मन को घेरते, हम छक्के छुड़ाते।
जो आयें जमी पर, वापिस नहीं जाते।।
नाहर के जैसा हम, जिगर धारते।
पीते लहू है हम, दुश्मन को फाड़ते।।
