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Tanha Shayar Hu Yash

Tragedy Classics Inspirational

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Tanha Shayar Hu Yash

Tragedy Classics Inspirational

आदमी

आदमी

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गर आँखें नम हो तो, वो मुस्कुराता है गम में भी

पाषंड सा खड़ा रहता है, मुस्कुराता है गम में भी 


अपनी उलझनों की महफ़िल नहीं करता

आँसू पी जाता है आँखें नम में भी। 


कैसे कैसे हादसों से गुज़रता है हर कदम में भी

हर दर्द को दरकिनार करता, मुस्कुराता है गम में भी


जब जख्मों से तेजाब निकलने लगता है

वो खुद को मरहम नहीं लगाता , गम में भी। 


खता खाता है दर्द सहता है आखिरी पड़ाव तक

मिट्टी से आया मिट्टी में मिल जाता है अपने गम में ही। 


इस आदमी ने जाने, जीवन में कितने सफर देखे

अच्छा बुरा हर सफर प्यारा अपने गम में भी। 


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