आदिवासी
आदिवासी
आदिवासी थे हम यहाँ के
हम ही थे मूल निवासी
सारी परंपरा यूं आज तक
हमारी रग-रग में है बसी।
सारी तंत्रज्ञान की नींव
मूलतंत्र से शुरू होती
उसी के थे हम निर्माता
बात कहाँ हमारी होती।
ज्ञानियों ने मिलकर
अज्ञानी हमें ठहराया
जंगल छिना हम से
हमारा अस्तित्व ठुकराया।
हम भी है इन्सान धरती के
चाहे घूम आओ आसमान
अंतरीक्ष क्या घूम आये
भूल गया इन्सानियत इन्सान।