आदि शक्ति जगजननी माँ
आदि शक्ति जगजननी माँ
आदि शक्ति जगजननी माँ पधारो मेरे द्वार,
आप आए हुई रौनक खुशियों की भरमार,
धन्य- धन्य हुए पाकर माँ अनुकंपा तुम्हारी,
मन में भर गई है उमंगे हंस रहा आंगन द्वार,
हे जग जननी माँ कृपा तुम्हारी बरसती रहे,
सब हंसी खुशी मनाएं नवरात्रि का त्योहार,
सब दुख हर लो आशा का वरदान हमें दो,
प्रेम सुधा बरसे और मन में रहे सिर्फ प्यार।
