आधुनिकता
आधुनिकता
आधुनिकता में खोये इंसान,
भूले आज अपना पहचान,
खत्म हो रही है मानवता,
क्या यही है आधुनिकता ?
रिश्तो की कदर कहां अब,
सिर्फ पैसों के पीछे हैं सब,
लाज,शर्म थी कल की बात,
आधुनिकता में डूबा संसार l
पृथ्वी आज प्रदूषित हुई है,
विश्व शांति भंग हो रही है,
अपने घर को नर्क बनाकर,
क्या मिलेगा मंगल पर जाकर ?
बदल गई प्राचीनतम शिक्षा,
ईश्वर प्रति नहीं रही श्रद्धा,
नास्तिक होकर आज इंसान,
खुद को समझ रहा भगवानl
स्वार्थी है यह आधुनिकता,
खत्म हो रही आपस की एकता,
जरा सुनो तुम ए इंसान,
बनो नहीं इतना हैवानl