STORYMIRROR

Hemisha Shah

Thriller

4  

Hemisha Shah

Thriller

26 नवम्बर

26 नवम्बर

1 min
272

26 नवम्बरकी अजब कहानी 

एक सपूत वीर हुआ सुनो मेरी ज़ुबानी 


एक नौका आई सरहद पार से 

साथ विनाश लायी हथियार से


आया आतंकवादी कसाब खौफ मचाने

 कहलाते उनके "जिहाद को बचाने "


मनमें ठोस इरादे किये 

भरके बेग हथियार लिए 


निकल पड़े बम्बई की गालिया 

होटल औऱ स्टेशन है बढ़िया 


बहोत लोगको मार गिराएंगे 

जमके आतंक आज मचाएंगे 


स्टेशनपे मचाया हल्ला 

मशीनगन घुमाई जेसे क्रिकेट का बल्ला

 

दया ना आई मासूम बच्चो की 

नाही बूढी माईकी ना बहनके भाईकी 

चारो औऱ खूनखराबा 

मचगया फिर शोरशराबा 


भागा आतकवादी वहांसे 

पुलिसवान पाई वहां से


मुंबई की गलियों में हलचल मचाई 

जहाँ लोग देखे गोली चलाई

 

फिर पुलिसने घेरा डाला 

फस गया कसाब बेचारा 


एक पुलिस जवान सामने आया 

तुकाराम ओम्ब्ले बहादुर कहलाया 

वान के पास देखो चला आया 

 

पीछे सारी पुलिसफोज चली आयी 

मरे है आतंकवादी यही सोच पायी


तुकाराम ने दरवाज़ा खोला 

जिन्दा आतंकवादीका खून खोला 


कसाबने जमके गोली बरसाई 

तुकारामने ना पीछे हठ दिखलाई


मरते दम तकना छोड़ा कसाब को 

मिटाना था आतंकवाद के नाम को 


 तुकाराम ओम्ब्ले "शहीद"कहलाया

पकड़ा आतंकवादी "देश का गर्व कहलाया "


याद रखेंगे उसे शहीद जवानों में  

तुकाराम एक नाम था देश की मिसालों में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Thriller