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Rohit Verma

Abstract

5.0  

Rohit Verma

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स्त्री (भाग -2)

स्त्री (भाग -2)

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झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने स्त्री के लिए कितना उच्च दर्जा बनाया है ये सब तो आप जानते ही है देश की रक्षा के लिए खुद मैदान में खड़ी हो गई ।

मुस्लिम में बुर्का रिवाज जिस से स्त्री की सुंदरता छुप जाती है. 

अगर हर पुरुष सफल नहीं होगा तो स्त्री समाज को संभालने वाला कौन होगा.

स्त्री और पुरुष से देश चल सकता है और आगे बढ़ सकता है ।

स्त्री भी जरूरी है और पुरुष भी. दोनों ही सोना चांदी के समान है।

विदेशी होड़ में हम बिक रहे है अपनी सस्कृती को भूलते जा रहे है . हनुमान की पूजा - पाठ में स्त्री को करना वर्जित है क्योंकि हनुमान जी राम जी की भक्ति में लगे रहते थे इसका कारण किसी को पता है देखो हमारी जो बुद्धि है वह ध्यान को आकर्षित करती है वो आप पर है कि आप कहा लगाते हो ।

प्रेम की शुरुआत वर्तमान में भगवान के युग में हुई. जिसमे सबसे पहले शिव जी और पार्वती प्रेम के बारे में है जिसमें शिव जी पार्वती की भक्ति और प्रेम देख मनमोहित हो गए ।

जिस दौरान अपनी से छोटी उम्र की स्त्री से विवाह करने के लिए तैयार हो गए.

इसी दौरान कृष्ण प्रेम की शुरुआत भी हुई जिसमे कृष्ण और राधा प्रेम के किस्से भी है और इसी दौरान मीरा का भी कृष्ण के प्रति प्रेम में मनमोहित होना ।

स्त्री को प्रेम देने वाले कई सारे मिल सकते है लेकिन पुरुष को प्रेम पाने के लिए कड़ी मेहनत करके हासिल किया जा सकता है।

नवरात्रि में कन्या को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है क्योंकि इनके बिना नवरात्रि का त्योहार संभव नहीं . घर में बिना स्त्री घर नहीं क्योंकि इनके बिना कोई वंशक नहीं . 

मुगलकाल में बहुत सी स्त्रियों के साथ अत्याचार हुए है मुगलराजा अपने महल में स्त्रियों को अपनी रखैल बना कर रखते थे.

पाकिस्तान और सऊदी अरब में स्त्रियों के साथ खूब अत्याचार होते है और बेच दिया जाता है क्योंकि वहां पर पुरुष समाज को उच्च दर्जा दिया जाता है लेकिन हमारे भारत स्त्रियों को सम्मान के साथ जीने का हक दिया जाता है ।

स्त्री विकास की बात करते है कहीं बार घर की आर्थिक स्थिति की वजह से लड़की को उच्च शिक्षा नहीं मिल पाती और खुद के दम पर सक्षम नहीं हो पाती . 

स्त्री धर्म की बात करते है स्त्री शादी के बाद अपने पति की हर मुश्किल में रक्षक बनकर साथ चलती है. 

ऋषि और मुनियों की भी पत्नियां होती थी लेकिन कुछ अंधविश्वास बातो की वजह से लोग कहते है कि सब कुछ त्याग दिया जाता है लेकिन बिना वंशक के मनुष्य जीवन अधूरा है . 

बाल विवाह की बात करते है कुछ लोग घर की आर्थिक स्थिति की वजह से अपनी घर की कन्या को बेच देते है या कम उम्र में विवाह करवा देते है ।

भूर्ण हत्या इसके बारे में आपने पढ़ा होगा जब किसी भी स्त्री के गर्भ से बेटी पैदा होती थी तो उसको मार दिया जाता था .

मुस्लिम धर्म में बहुत सी पत्नी रखने का रिवाज जिसमें तीन बार तलाक़ बोलने पर तलाक हो जाता था या एक पुरुष की बहुत- सी पत्नियां लेकिन ये कानून भी बदल चुका है और स्त्री अपने हक से जी सकती है।

आपको पता है कि ताजमहल किसकी याद में बनाया था जब राजा ने अपने मिस्त्रियो के हाथ काट दिए थे कि दुबारा ऐसा कोई ताजमहल ना बना सके मुमताज़ की याद में बनाया था क्योंकि राजा के अंदर स्त्री प्रेम भाव था ।

स्त्री प्रेम भाव क्या होता है ?

आप जानते हो नहीं तो चलो बताता हूं स्त्री प्रेम भाव वह होता है जब किसी स्त्री के प्रेम सपर्क में आ जाते है ।

आपको ये तो पता चल गया होगा कि स्त्री की रचना के बारे में . स्त्री की सोच की हम बराबरी नहीं कर सकते. स्त्रियों और पुरुष दोनों को उच्च शिक्षा की जरूरत है और हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है ।

आज भी पुलिस और सैनिक में बहुत सी स्त्रियां मिल जाएगी जो देश रक्षक के लिए लड़ रही है और उच्च वर्ग पर कार्य कर रही है. 

आज भी ग्रामीण इलाकों में कुश्ती के मैदान में स्त्री उच्च स्तर पर बहुत से पुरस्कार जीत कर लाती है जिस से समाज को काफी प्ररेणा मिलती है . 

रामायण युग जब था आप सबको याद होगा जब रावण ने सीता माँ की खूबसूरती देख कर रावण ने सीता माँ को बंदी बना लिया था जिस से रावण और राम जी के बीच में युद्ध हुआ और राम जी विजय रहे रावण ने सीता माँ पर किसी भी तरह का अत्याचार नहीं किया वो केवल अपनी बहन रक्षक के लिए लड़ना चाहते थे ।

चरित्रहिन स्त्री के बारे में बताते है आप ये तो जानते होगे कि हर तरह की स्त्री इस समाज में है चाहे वह बुरी हो या अच्छी बस केवल समझने की जरूरत है स्त्री पुरुष प्रेम को तराशती है अगर ना मिले तो दूसरा रास्ता खोजती है वहीं गलती रिश्तों को खराब करती है कुछ विदेशी नशा स्त्री समाज की सोच खराब कर रहे है जिस से बातचीत के तरीको में बदलाव आए है जिस से स्त्री सोच को बिल्कुल नष्ट कर रहे है वो भी किसी दुःख मय में इसका सहारा ले रही है . किसी पराये मर्द के संपर्क में आ जाने से भी बहुत से पारिवारिक जीवन खराब हो जाते है ।

संस्कारी स्त्री की बात करते है जो स्त्री हमेशा ईश्वर की भक्ति में लगी रहती है और दुःख की चिंता करती है और हर किसी की खुशी के बारे में सोचती है हर किसी के साथ कदम से कदम मिला कर चलती है .

स्त्री की इस दुनिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका है ।

एक नारी सब पर भारी ये बाते आपने कहीं न कहीं सुनी होगी कहते है इसका उदाहरण यह है कि जब नारी मुश्किल से मुश्किल घड़ी में असानी से पार कर भी लेती है और वक्त आने पर वार भी करती है स्त्री दुःख दो दिन देखती है लेकिन खुशी चारो तरफ ढूढ़ लेती है . स्त्री मंदिर और धन दोनों ही है 

पूजा के स्थान पर स्त्री का होना जरूरी है ||



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