ओशो
ओशो
क्या आप ओशो के बारे में जानते हैं? ओशो हैं कौन ?चलो शुरू करते हैं। ओशो ने दो चीजों को ज्यादा महत्व दिया ...पहला प्रेम भाव को दूसरा वासना भाव को .किसी ने सोचा है इन दोनों पर ही क्यों वह चलते रहे ? क्योंकि प्रेम भाव में व्यक्ति भटक जाता है और फिर वह वासना भाव की ओर भागता है.प्रेम करने की कोई उम्र नहीं ये सब लिखी बातें हैं, प्रेम अपने अंदर रखो ही मत क्योंकि आपको किसी से उम्मीद नहीं होगी जिंदगी आपके हिसाब से होगी .भूख शब्द तो सुना होगा प्रेम भूख हर कोई मागँ रहा है, लेकिन गलत मार्ग वहीं देख रहा है, आदमी की सोच आदमी के हाथ में होती है दूसरों के हाथों कठपुतली होगी .ओशो को सुनने के लिए लोग दूर दूर से आते थे उन्होंने ज्ञान की बहुत सी रचना की.
प्रेम इंसान को अंधा बनाता है और वासना इंसान को मूर्ख बनाता है . आपको पता है प्रेम भाव तब उतर जाता है जब वह वासना भाव में आ जाता है और उसी से आपकी हस्ती मिटने लगती है .स्त्री खूबसरती को ओशो ने उच्च दर्जा दिया .ओशो की बातेंं आज भी पढ़ी जाती हैं और आगे भी पढ़ी जाएगीं ।