इश्क के काफिर
इश्क के काफिर
मोहब्त के मोहल्ले में
अंजान निगाहे मिलती है
बेइज्जत सरेआम होता है आशिक़
जब दुनिया उस पर हस्तीं हैं
उन कायरो को क्या पता
जिनक खुदा इश्क है
उन्हें पत्थरों से दर्द नही होते
प्यार करने वाले कभी
कमजोर नही होते
लड़ जाते है दुनिया से
साथ जीते साथ मरते हैं
दिल के काफिर इश्क से
ख़ुदाई करते है