ऐसा भी होना चाहिए
ऐसा भी होना चाहिए
इस जहां से आगे
मेरा आशियां
होना चाहिए,
खुले आकाश में
पंछियों की तरह उड़े
ऐसा शौक चाहिए
ऐसा भी होना चाहिए।
जिनको मिला है
पुरी धरती,अम्बर
क्यों सिमटते है वे
चिड़िया घरों में
पिंजरों में
उनको आज़ादी मिले
ऐसा भी संविधान
चाहिए,
ऐसा भी होना चाहिए।
चिड़िया घर के
जानवर,
दिल में दर्द
छिपाकर,
अपनी आंखों में
खुशी के आंसू
लिए रहते है,
सिर्फ इसलिए,
ताकि हम खुश रहे,
हमारी खुशी के लिए,
अपनी ख़ुशियाँ,सपनों
का त्याग करते है
आजाद हुऐ
इस देश से
ये गुलामी
हटनी चाहिए
परिंदों को भी
आजादी मिलनी
चाहिए,
इनके लिए भी
एक संविधान
होना चाहिए,
ऐसा भी होना चाहिए।