मीठा ही बोलना।
मीठा ही बोलना।
माता-पिता का हाथ सदा हमारे संग,
माता-पिता हम सभी के रक्षक अंग।
लोगों का काम सदा कुछ तो कहना,
पिता की डाँट दवाई के सदा समान।
पिता पुत्र का रिश्ता सदा खट्टा मीठा,
कभी होता कड़वा तो कभी है मीठा।
माँ और बेटे का ममतामयी तो नाता,
सपूत कपूत होते नहीं होती है माता।
माता-पिता से सदा मीठा ही बोलना,
सदा उनका आदर-सम्मान है करना।
माता-पिता का नाम रोशन ही करना,
नहीं कभी भी उन्हें कष्ट हम को देना।
