STORYMIRROR

Sunil Kumar

Inspirational

4  

Sunil Kumar

Inspirational

स्वार्थी दुनिया

स्वार्थी दुनिया

1 min
273

स्वार्थ के सब मीत यहां स्वार्थ के रिश्ते- नाते हैं

स्वार्थ सिद्ध हो जाए तो एहसास बदल जाते हैं।


स्वार्थ वश ही जहां में रिश्ते- नाते जोड़े जाते हैं

स्वार्थ के तराजू में यहां हर रिश्ते तौले जाते हैं।


सुख में सब साथ यहां दुःख में न साथ निभाते हैं

स्वार्थ सिद्ध हो जाए तो पलकों पर बैठाते हैं। 


स्वार्थ ने ही बांध रखा है जग में रिश्ते-नातों को

वरना दो पग साथ चलकर इंसान बदल जाते हैं।


खास हो वक्त अगर तो सब पास नजर आते हैं

आम हो वक्त अगर हो तो सब दूर भाग जाते है


निज स्वार्थवश लोग यहां गधे को बाप बनाते हैं

न हो कोई स्वार्थ तो नजर बचाकर भाग जाते हैं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational