पूर्वजों के प्रति श्रद्धा
पूर्वजों के प्रति श्रद्धा
जिनकी पूर्वजों के प्रति होती है श्रद्धा अगाध
वही लोग इस झूठी दुनिया में मनाते है, श्राद्ध
वो मरने के बाद भी पूर्वजों से करते है, संवाद
जो हृदय में पूर्वजों के प्रति रखते है, सम्मान
वो खुदा भी, उन बंदों को करता है, इरशाद
जो पूर्वजों के प्रति खुला रखते है, आसमान
जिनकी पूर्वजों के प्रति होती है श्रद्धा अगाध
वही लोग इस झूठी दुनिया में मनाते है, श्राद्ध
वो जिंदगी लाख शूलों में बनती है, गुलाब
जिन पर पूर्वजों की कृपा होती है, लाजवाब
पूर्वज न होते, कड़ी से कड़ी न होती जनाब
कैसे होते हम दुनिया में एक जिंदा ख्याल
बड़े-बुजुर्गों पूर्वजों से ही बनता है, परिवार
बिना परिवार के अधूरा है, यह सारा संसार
जिनकी पूर्वजों के प्रति होती है श्रद्धा अगाध
वही लोग इस झूठी दुनिया में मनाते है, श्राद्ध
पूर्वजों के अनुभव बिना कोई कैसे करता,
संसार के जलजलों से यहां कोई मुलाकात
वही इस दुनिया में बनता है, साखी आफताब
जो अपने पूर्वजों का सदा करता है, आदाब
जिनकी पूर्वजों के प्रति होती है श्रद्धा अगाध
वही लोग इस झूठी दुनिया में मनाते है, श्राद्ध
आज के युग में कुछ लोग उठा रहे है,सवाल
श्राद्ध मनाना बता रहे है,वो लोग अंधविश्वास
पर वो लोग ज़रा ध्यान से सुने मेरी यह बात
विज्ञान कसौटी पर खरे है, हमारे रीति-रिवाज
श्राद्ध पर कौए को खिलाने का करते है,जो काज
उस कौए बीट से पीपल,बरगद बीज का होता काज
शास्त्रों में यम, पितृ का रूप बताया है, काक
इसलिये जो भी इस दुनिया में मनाते है, श्राद्ध
उन्हें अवश्य मिलता है, पूर्वजों का आशीर्वाद
उनके आशीर्वाद से बन जाता है, बिगड़ा हुआ काम
जिनकी पूर्वजों के प्रति श्रद्धा होती है, अगाध
वही लोग इस झूठी दुनिया में मनाते है, श्राद्ध