तनाव
तनाव
कैसे बताऊँ सबको
कि किस तनाव से गुजर रही हूँ मैं
जिस देश में लगते हैं बेटी बचाओ के नारे
आज उसी देश में
बेटियों का भक्षण होते देख रही हूँ मैं
कहने को तो मैं इस देश की बेटी हूँ
पर आज घर जैसे इस देश में ही
सहमी सहमी फिर रही हूँ मैं,
हर गली, चौराहे, शहरों में
अपने को नंगा होते देख रही हूँ मैं
कभी दादी, कभी माँ
कभी बहन तो कभी बेटी
सबको इस दर्द में छटपटाता देख रही हूँ मैं
औरत घर की इज्जत होती है
कभी ऐसा सुना था मैंने
आज उसी इज्जत को
सरेआम तारतार होता देख रही हूँ मैं
क्यों मौन बैठे हैं इस देश के पिता, भाई,और बेटे?
सवाल उन्ही से तो पूछ रही हूँ मैं ?