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Mohita Khanduja

Inspirational

4.7  

Mohita Khanduja

Inspirational

माँ

माँ

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माँ.....

एक अक्षर नही, एक शब्द नही

पर पूरा जहां हो तुम

ईश्वर की जीवंत मिसाल हो तुम

पहले तुझे, फिर उस रब को सलाम 

जिसने तुझे बनाया ।

माँ......

तुझ बिन न हम इस दुनिया में आते

न ही अपना वज़ूद पाते

तेरी हर खूबसूरत मुस्कान के आगे

फीकी है संसार की हर रौनक

तुझ बिन यह जीवन हमारा

जैसे चाँदनी बिन चाँद बेचारा

तेरे संग हम जैसे आत्मा संग शरीर हमारा ।

माँ तू है अन्नपूर्णा 

माँ तू है जन्मदात्री हमारी

>तुझसे पाए संस्कार अनेक 

तेरे गुणों को पा बने हम इंसान नेक।

तेरे प्यार की छत्रछाया ने

कभी न कोई दुख दिखलाया

आंसू आँख में आने से पहले 

तुमने हमें मुस्कराना सिखाया

हमारे एक दर्द के आगे

तुमने भूले अपने सैंकड़ो दर्द ।

सारी सारी रात जाग

सिर सहला तुमने हमें सुलाया

तूने अपने बल पर हमें एक

सम्पूर्ण नारी बनाया

एक बेटी से माँ बनने तक का

सफर तय कराया

तेरे ऋणी हैं हम माँ 

तेरे से पहले न कुछ, तेरे बाद न कुछ।



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