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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

मेरी बातों पर ऐतवार है

मेरी बातों पर ऐतवार है

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मुझे उस घड़ी उस पल का इंतजार है,

जिस दिन तुझे मेरी बातों पर ऐतवार है,


कहने लगते हैं फिर सब लोग मुझे पागल, 

घुमड़-उमड़ पड़ें जब शब्दों का बादल।


जो समझ नहीं पाते बात, वह चुप या करते हैं बकवास,

समझ वहीं पाते हैं खास, जिन्हें मालूम होती है बात।


बहुत सही है मेरा कहना नहीं मानते लाचार,

सही लगता है लिखना यही है सत्य का आधार।


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