Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Lokanath Rath

Romance Classics

4  

Lokanath Rath

Romance Classics

मेरे सामनेवाली...

मेरे सामनेवाली...

2 mins
182


मेरे सामनेवाली गली से हर रोज वो जाती है

कुछ गुम सुम चुप चाप वो रोज रहती है


एक रोज जब मे सूबा उठा तो वो नजर उठाके देखि

सायद वो मुझे कुछ चुपके से कहना चाहती है

मेरे सामनेवाली गली से ....


उस रोज में भी उसे देखता राहा चुपके से

कुछ क्या कहूं ये मे तो सोचता रहे गया है

मरे सामनेवाली गली से ....


फिर एक रोज मे उसे देखने सोच लिया

और उसकी नाम पूछने बड़ी हिम्मत जोड़ा है

मेरे सामनेवाली गली से ...


वो दिन फिर आगया जब वो मुझे ताकने लगी

मे भी उसे ताकतें युहीं रहे गया और आँखे मिले है

मेरे सामनेवाली गली से ..


वो थोड़ी सरमाती रही और मुस्कान दी

मे भी खुशीसे मन ही मन हसते रहे गया है

मेरे सामनेवाली गली से ...


अब हर रोज हम आँखों से बात करने लगे

और मेरे दिल में अब कुछ कुछ होने लगा है

मेरे सामनेवाली गली से....


धीरे धीरे वो फिर खुलने लगी हसने लगी

तब लगा सायद हमें अब प्यार हो गया है

मेरे सामनेवाली गली से..


फिर एक रोज मे उसकी सामने आगया

और वो मुझको देख घबराने लगी है

मेरे सामनेवाली गली से...


धोड़ी डेर बाद वो नजर उठाके देखने लगी

मे तब उसे देख के खुशीसे मुस्कुरा दिया है

मेरे सामनेवाली गली से...


तब वो मुस्कुराने लगी और सुन्दर लगी

मे थोड़ी डेर ऐसे उसको देखते रहे गया है

मेरे सामनेवाली गली से....


फिर मे उसको मेरे दिल की बात बता दिया

और वो हसीं, लगा की हमें प्यार हुआ है

मेरे सामनेवाली गली से...


वो वहां से फील चलने लगी मुड़ने लगी

उसकी आँखोंसे मुझे प्यार की झलक दिखने लगा है

मेरे सामनेवाली गली से...


धीरे धीरे हमारा प्यार अब बढ़ने लगा है

हम चुपके चुपके रोज अब मिलने लगे है

मेरे सामनेवाली गली से..

धुंद -मेरे सामनेवाली खिड़की मे एक..।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance