शह मात का खेल भी अजीब है
शह मात का खेल भी अजीब है
शह मात का खेल भी अजीब है,
शतरंज भी जिंदगी के कितने करीब है।
इंसान पैदल कब तक चलेगा,
नेता देश क्या यूं ही छलेगा।
ऊंट की चाल जो नहीं समझेगा,
वो हाथी से भी कैसे बचेगा।
वजीर जब हुआ धराशाई,
राजा की शामत आई।
शह मात का खेल भी अजीब है,
शतरंज भी जिंदगी के कितने करीब है।