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Vivek Agarwal

Romance

4  

Vivek Agarwal

Romance

ज़िन्दगी में प्यार थोड़ा चाहता हूँ

ज़िन्दगी में प्यार थोड़ा चाहता हूँ

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ज़िन्दगी में प्यार थोड़ा चाहता हूँ। 

पल दो पल को साथ अपना चाहता हूँ। 


बिन तेरे ये ज़िन्दगी बस कट रही है,

मौत से पहले मैं जीना चाहता हूँ। 


कह न पाए जो कभी भी बात तुमको,

बस वही तुमको बताना चाहता हूँ। 


चल भुला दें बात बीती सब पुरानी,

इक नयी शुरुआत करना चाहता हूँ। 


थक गया हूँ जागते हर रात दिन मैं,

चैन से मैं आज सोना चाहता हूँ। 


इस जनम में तुम हमारे हो न पाए,

हर जनम अब हाथ तेरा चाहता हूँ। 


बात तेरी ही सुनाई हर ग़ज़ल में,

दास्ताँ अपनी सुनाना चाहता हूँ। 



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