दिल की बातें
दिल की बातें
सूरत पर मरने वालों में से हम नहीं
हम तो दिल और सीरत अच्छी देखते हैं...
सूरत तो एक दिन मिट जानी है
अच्छे कर्म अच्छी सीरत
इस दुनिया को याद रह जायेगी...
सूरत पर मरने वालों का
प्यार कहाँ सच्चा होता है
वक्त के साथ साथ वो प्यार
रंग अपना बदलता है....
ऐतबार ही तो था जो प्यार दिलों में
जिंदा है अब तक
वरना इन्तजार इतना लम्बा था कि
दिल टूट कर बिखर गए होते...
इश्क हमारा कमजोर ना था जो धुंए
और बोतल के सहारे की जरूरत पड़ती ....
यह तो इतना मजबूत था कि
हमको शायर बना गया....
जब याद हमारी आये तो
लौट कर आ जाना
तुम में और हम में
फर्क बस इतना हम हर खता
भुला देते हैं.....।